कश्मीरी जड़ें और फूल
ये कश्मीर की फ़ोटो है।बहुत खूबसूरत। पर क्या हम करते है प्यार कश्मीर के सिर्फ फूलों से? हम क्यों नहीं देखना चाहते कश्मीर की जड़ो को, जड़ो की गहराई को, गहरी खाई को, उस खाई में दफन जिंदगियों को? या हमारा स्वभाव ही नहीं है कि हम देख सके जड़े, जिनमें बंधा होता है, किन्ही सपनो से भरा स्कूल बैग, किसी जेब मे पड़े कागजाद, जो इस डर से जेब मे है, कि वे घर जलने पर न जल जाए साथ मे ही या फिर वें आवाज़े जो प्रतिरोध में उठती है, किसी संतरी के बेल्ट की मार से या पत्थरों के रूप में फेंके जा रहे भविष्य के टुकड़े गिरते है, किसी मजदूरी और मजबूरी के पहने खून के हेलमेट पर। या हम देखना ही नहीं चाहते? तुम बताना, जो तुम्हे लगे। पर मुझे लगता है, हमें दिखाया ही नहीं जाता क्योंकि ये तो हमारे नेताओं की जड़ो और फूलों दोनों के लिए खतरा है। खैर, कश्मीर के भी ये फूल मौसमी है, जो दिल्ली भी इनको मुरझा देती है और क्लाइमेट चेंज भी। वैसे बहुत ओर कुछ भी है देखने सुनने पढ़ने को। ज़िंदा-मुर्दा इंसानों को, इस वसंत में न दिखे तो इसके बाद ज़रूर देखना। -...